जूट को छोड़कर सभी फसलों के बुवाई क्षेत्रफल में वृद्धि, केंद्रीय कृषि विभाग कोरोना काल में किसानों के लिए कर रहा कई उपाय
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नई दिल्ली

देश में कृषि क्षेत्र पर कोरोना महामारी का कोई प्रत्यक्ष असर नहीं दिख रहा है।
आधिकारिक तौर पर प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक इस बार खरीफ फसलों के बुवाई रकबे में काफी वृद्धि हुई है। सरकारी प्रयासों के अलावा मौसम ने भी किसानों का साथ दिया है। अभी तक सामान्य से ज्यादा वर्षा हुई है।
13.92 प्रतिशत ज्यादा क्षेत्र में खेती
पिछले वर्ष 774.38 लाख हेक्टेयर क्षेत्र के मुकाबले इस वर्ष खरीफ फसलों का बुवाई रकबा 882.18 लाख हेक्टेयर है। इस प्रकार देश में इस वर्ष 13.92 प्रतिशत ज्यादा क्षेत्र में खरीफ की फसल बोई गई है।
किस फसल का कितना है बुवाई रकबा
इस साल धान का बुवाई रकबा करीब 42 लाख हेक्टेयर बढ़ा है। पिछले वर्ष 223.96 लाख हेक्टेयर की तुलना में इस बार 266.60 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में धान बोया गया है।
इसी तरह दलहन की खेती का रकबा भी करीब 18 लाख हेक्टेयर बढ़ा है। इस बार दलहन की बुवाई लगभग 111.91 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में हुई है।
मोटे अनाजों की बुवाई का रकबा भी करीब नौ लाख हेक्टेयर की बढ़ोतरी के साथ इस साल 148.34 लाख हेक्टेयर क्षेत्र तक पहुंच गया है।
तिलहन करीब 17 प्रतिशत ज्यादा क्षेत्र में बोई गई है। इस साल तिलहन का बुवाई रकबा लगभग 175.34 लाख हेक्टेयर है।
इस साल गन्ना बुवाई का रकबा करीब 58 हजार हेक्टेयर की बढ़ोतरी के साथ लगभग 51.78 लाख हेक्टेयर क्षेत्र तक पहुंच गया है।
कपास का बुवाई रकबा भी करीब 13 लाख हेक्टेयर बढ़कर लगभग 121.25 लाख हेक्टेयर क्षेत्र तक पहुंच गया है।
समान्य से ज्यादा बारिश
30 जुलाई तक के वर्षा के आंकड़े बताते हैं कि देश में सामान्य से ज्यादा यानी 447.1 मिमी बारिश हुई है। सामान्य वर्षा का रिकॉर्ड 443.3 मिमी है। केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) का कहना है कि देश के विभिन्न भागों में स्थित 123 जलाशयों में पानी का भंडारण पिछले वर्ष की इसी अवधि का 141 प्रतिशत है।
… पलायन का असर तो नहीं
कोरोना के कारण वर्षों से महानगरों में नौकरी कर रहे करोड़ों लोग घर लौट आये हैं। बहुतों ने अब घर पर ही रहकर खेती-बाड़ी और अन्य व्यवसाय करने का फैसला किया है। ऐसे में माना जा रहा है कि खरीफ का बुवाई रकबा इसी कारण बढ़ा है।
