
जेट एयरवेज को नया जीवन देने के लिए सौ मिलियन डॉलर निवेश की तैयारी, कंपनी के विमानों को फिर आकाश में उड़ने का वादा
senani.in
डिजिटल डेस्क

जेट एयरवेज के विमानों को फिर से आकाश में उड़ाने और इसे भारत का नम्बर वन निजी विमानन कम्पनी बनाने के वादे के साथ ताहा ग्रुप इम्पीरियल रियल कैपिटल इन्वेस्टमेंट, एलएलसी, फ्लाइट सिमुलेशन इन्वेस्टमेंट सेंटर प्राइवेट लिमिटेड और बिग चार्टर प्राइवेट लिमिटेड के कंसोर्टियम में शामिल हो गया है।
विश्वस्तरीय मजबूत नेतृत्व और उड्डयन के क्षेत्र में अनुभव वाली टीम के साथ ताहा ग्रुप के आने से कन्सोर्टियम को और मजबूती मिली है। इस बढ़ी हुई ताकत के साथ कन्सोर्टियम को यथासंभव तरीके से इस संकट काल में तत्काल जेट एयरवेज की घरेलू उड़ानों को शुरू करने के लिए संबल मिलेगा।
ताहा ग्रुप का कहना है कि विश्वास है कि हम जल्द ही जेट एयरवेज की विमान सेवा का विस्तार कर समुद्र पारीय देशों यानी अंतरराष्ट्रीय रूट से जुड़ जाएंगे।
कर्मचारियों के बकाया भुगतान का भी इरादा

कन्सोर्टिम की कोशिश है कि एक बास्केट यानी एक जगह तत्काल रियलाजेबल एसेट्स की बड़ी रकम जुटाई जाए। इस रकम का उपयोग स्टॉक ऑप्शन के साथ कर्मचारियों के बकाए के भुगतान के लिए किया जाएगा और जेट एयरवेज को पुनर्जीवित करने के साथ ही कर्मचारियों को चरणबद्ध तरीके से शामिल किया जाएगा।
सैयद वासिफ हैं ताहा ग्रुप के संस्थापक

सैयद वासिफ ताहा ग्रुप ऑफ कंपनीज के संस्थापक और अध्यक्ष हैं। इस कंपनी समूह की मौजूदगी पूरे भारत, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), अफ्रीका और यूरोप में है। वासिफ ने 14 साल पहले एक कंपनी की स्थापना के साथ व्यावसायिक जीवन शुरू किया था। बाद में उन्होंने इसका विस्तार करते हुए इसे व्यापक विविधता प्रदान की। साथ ही सोना-हीरे का व्यापार, सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र, मानव संसाधन प्रबंधन, यात्रा, पर्यटन, टैक्स, आडिट और एडवाइजरी बिजनेस के क्षेत्र में भी उतरे।
अनुभवी उद्यमी, बारीक नजर

सैयद वासिफ व्यापार और विश्वस्तरीय परियोजनाओं में निवेश के 20 साल से ज्यादा के अनुभव वाले उद्यमी और व्यवसाई हैं। उद्यमी के रूप में उन्होंने वर्षों के सफर के दौरान दक्षता हासिल की है और उच्च स्तर के संपर्कों का व्यापक नेटवर्क तैयार किया है। इसके अलावा उन्होंने उत्कृष्ट योग्यता वाली प्रबंधन टीम के चयन की बारीक नजर विकसित की है। साथ में व्यापक और उम्दा व्यावसायिक अवसरों के लिए कन्सोर्टियम बनाया है।
जेट एयरवेज : जब अच्छे दिन थे

-जेट एयरवेज की स्थापना सन 1992 में एयर टैक्सी परिचालक के रूप में हुई
-5 मई 1993 से व्यावसायिक परिचालन प्रारंभ
-उस समय विमान बेड़े में चार बोइंग 737-300 विमान थे
-मार्च 2004 से चेन्नई से कोलम्बो सेवा की शुरुआत कर अंतरराष्ट्रीय विमान सेवा वाली कंपनी बनी
-कंपनी बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध थी पर इसके 80 फीसद स्टॉक का नियंत्रण नरेश गोयल के पास रहा
-कंपनी 52 घरेलू तथा 21 अंतर्राष्ट्रीय स्थलों के लिए अपनी सेवाएं प्रदान करती थी
-एशिया, यूरोप तथा उत्तरी अमेरिका जैसे 19 देशों में कुल 73 स्थलों से विमान सेवाएं थीं
-इसका परिचालन मुंबई के छत्रपति शिवाजी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से होता था
-बेंगलुरु, चेन्नई, दिल्ली, कोलकाता अन्तराष्ट्रीय हवाई अड्डों तथा पुणे हवाई अड्डे से उड़ानों का संचालन होता था।
17 अप्रैल 2019 से बंद है परिचालन

अचानक जेट एयरवेज की हालत बिगड़नी शुरू हो गई। 17 अप्रैल, 2019 से इस कंपनी का आपरेशन बंद है। इससे कंपनी के 16 हजार कर्मचारी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित हुए हैं।