
रब की दुआएं तुझे मिलती रहेंगी
मेरी प्यार वफाएं तुझे मिलती रहेंगी
खो जाएं मुहब्बतें-समंदर में कहीं
प्रेम की हवाएं तुझे मिलती रहेंगी
शोखियों से जाओ लिपट मेरे तुम
धड़कनों की सदाएं तुझे मिलती रहेंगी
रंग असर हो जाए मोहब्बत के मेरे
प्यार की अदाएं तुझे मिलती रहेंगी
वो पत्तों पे बारिश का गिरना सनम
सावन की लताएं तुझे मिलती रहेंगी
सिलसिला न मिट पाए चाहतों का
सारी दुआएं तुझे मिलती रहेंगी
लट उड़ रहे मेरे गालों पर हसीं
प्यार की खताएं तुझे मिलती रहेंगी
@ अंकिता सिन्हा, कवयित्री,
जमशेदपुर, झारखंड