
senani.in
@ उमेश शुक्ल
सियासत आजकल की तो
सिर्फ दौलत की ही भूखी
वायदों के अंबार बहुत पर
जनहित की नदियां सूखीं
धन बल पर अधिकतर जीत
रहे एमपी एमएलए चुनाव
ऐसे में चिंता कौन करेगा के
क्यों मुश्किल में गांव गिरांव
अन्नदाता का मन उचट रहा
खेती किसानी के कामों से
सरकारों को फुर्सत ही नहीं
बस थोथे हवाई ऐलानों से
जब तक हताश हो सिसकता
रहेगा देश का बहुसंख्य कमेरा
तब तक अर्थव्यवस्था पर छाया
रहेगा अनिश्चितता का अंधेरा
(# लेखक वरिष्ठ पत्रकार और शिक्षाविद हैं)