
म्यूच्यूअल फंड में निवेश के लिए सही समय बता रहे पोर्टफोलियो विशेषज्ञ अजय गुप्ता
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली
कोरोना के कारण पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था डगमगा गई है। कंपनी छोटी हो या बड़ी, सभी को इसने प्रभावित किया है। मार्केट में गिरावट के कारण कंपनियों के शेयर अर्श से फर्श पर आ गए हैं। ऐसे में इन कंपनियों की मार्केट वैल्यू में भी स्वाभाविक रूप से गिरावट आई है।
सेंसेक्स में 15 हजार तक की गिरावट
मामले की गंभीरता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 31 जनवरी 2020 को बीएसई का सेंसेक्स 41,146 अंक पर बंद हुआ था। ये वही दिन है, जब केरल में चीन से लौटे छात्र में कोरोना संक्रमण मिला था। यह भारत का पहला कोरोना केस था। इसके बाद से कोरोना के मामले जैसे-जैसे बढ़ते गए, अर्थव्यवस्था की गति धीमी पड़ती गई। 25 मार्च तक सेंसेक्स 26,499 अंक पर पहुंच गया था। यानी इसमें लगभग 15 हजार अंकों तक की गिरावट आ चुकी थी। मई में केंद्र सरकार द्वारा 20 लाख करोड़ का पैकेज घोषित करने के बाद हालात कुछ सुधरे और 5 जून तक सेंसेक्स 34,198 अंकों पर पहुंच सका है। केंद्र सरकार ने इस पैकेज में सबसे ज्यादा एमएसएमई यानी सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम पर ध्यान दिया है। सरकार को इस सेगमेंट से सबसे ज्यादा रिटर्न की उम्मीद है। उसे भरोसा है कि ये सेक्टर न सिर्फ ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार देगा, बल्कि तेजी से विकास भी करेगा। सरकार का ये आकलन काफी हद तक सही भी है।
इसलिए स्मॉल और मिडकैप में कर सकते हैं निवेश
आस वेल्थ मैनेजमेंट कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर एवं पोर्टफोलियो मामलों के विशेषज्ञ अजय कुमार गुप्ता कहते हैं कि अगले पांच साल में एमएसएमई में सबसे ज्यादा ग्रोथ देखने को मिलेगा। इसलिए म्यूच्यूअल फंड में निवेश के लिए स्मॉल और मिड कैप में निवेश अभी से शुरू कर देना चाहिए। इस सेक्टर में अगले कुछ महीनों में सबसे ज्यादा ग्रोथ की उम्मीद है। म्यूच्यूअल फंड की खास बात ये है कि इसमें सिप (सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) मेथड से निवेश किया जाता है। इसमें निवेश शुरू करने के लिए आपको ज्यादा रकम की जरूरत नहीं पड़ती। आप इसमें पांच सौ रुपये प्रति महीने के हिसाब से भी निवेश कर सकते हैं। जब एनएवी में गिरावट आए तो आप टॉपअप कर सकते हैं। टॉपअप का मतलब है कि कुछ अतिरिक्त रकम लगा सकते हैं।
